Jeevan kya jiya: (Record no. 6476)
[ view plain ]
000 -LEADER | |
---|---|
fixed length control field | 03443nam a22001817a 4500 |
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION | |
control field | 20240130123425.0 |
008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION | |
fixed length control field | 240130b |||||||| |||| 00| 0 eng d |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
International Standard Book Number | 9788119159208 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 891.43871 |
Item number | SIN |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Singh, Namvar |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Jeevan kya jiya: |
Remainder of title | baate kuchh apni, kuchh apno ki |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Name of publisher, distributor, etc. | Rajkamal Prakashan |
Place of publication, distribution, etc. | New Delhi |
Date of publication, distribution, etc. | 2023 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Extent | 365 p. |
365 ## - TRADE PRICE | |
Price type code | INR |
Price amount | 399.00 |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc. | नामवर सिंह ने आत्मकथा नहीं लिखी, इसके बावजूद उनकी आत्मकथा अंशों में प्रकाशित होती रही। इस पुस्तक में उनके वाचिक के ऐसे अंशों को एकत्र और क्रमबद्ध किया गया है कि उसे व्यवस्थित रूप में पढ़ा जा सके। बचपन के दिनों से लेकर आखिर दिनों तक की सिलसिलेवार स्मृतियाँ पहले खंड में मौजूद हैं। विशिष्ट व्यक्तियों से जुड़ी स्मृतियों को दूसरे खंड में रखा गया है। नामवर जी के रोजमर्रा के जीवन को समझने के दृष्टिकोण से डायरी का एक अंश तीसरे खंड में प्रस्तुत है। डायरी के अतिरिक्त पूरी पुस्तक में कुल मिलाकर लिखित अंश दो ही हैं : ‘एक किताब पृथ्वीराज रासो : भाषा और साहित्य’ और ‘शमशेर से वह आखिरी मुलाकात’। शेष सभी ‘नामवर का वाचिक’ हैं। समय-समय पर दिये गए व्याख्यानों और साक्षात्कारों के अंशों को जोड़कर यह 'आत्मकथा' रची गई है। नामवर-कथा को जानने में दिलचस्पी रखनेवाले पाठकों को इसमें रुचि होगी। इस पुस्तक का शीर्षक मुक्तिबोध की सुविख्यात कविता<br/>‘अँधेरे में’ की एक पंक्ति से लिया गया है। ‘अँधेरे में’ कविता के जिस अंश से यह पंक्ति ली गई है, उसका केन्द्रीय भाव मध्यवर्ग का आत्मलोचन है। नामवर जी अक्सर इस अंश का उपयोग अपनी बातचीत में किया करते थे। ‘तद्भव’ पत्रिका में प्रकाशित सुदीर्घ स्मृति-कथा का समापन भी उन्होंने इसी अंश से किया था।<br/>(https://rajkamalprakashan.com/jeevan-kya-jiya.html) |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name as entry element | Biography-Namvar |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Koha item type | Book |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
Withdrawn status | Lost status | Source of classification or shelving scheme | Damaged status | Not for loan | Collection code | Bill No | Bill Date | Home library | Current library | Shelving location | Date acquired | Source of acquisition | Cost, normal purchase price | Total Checkouts | Full call number | Accession Number | Date last seen | Date checked out | Copy number | Cost, replacement price | Price effective from | Koha item type |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
Dewey Decimal Classification | Hindi Book | COR/IN/24/10003 | 11-01-2024 | Indian Institute of Management LRC | Indian Institute of Management LRC | General Stacks | 01/30/2024 | CBS Publishers & Distributors Pvt. Ltd. | 277.30 | 1 | 891.43871 SIN | 005382 | 07/27/2024 | 07/03/2024 | 1 | 399.00 | 01/30/2024 | Book |