MARC details
000 -LEADER |
fixed length control field |
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005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION |
control field |
20240130114958.0 |
008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION |
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240130b |||||||| |||| 00| 0 eng d |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER |
International Standard Book Number |
9789394902862 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER |
Classification number |
891.4331 |
Item number |
SAT |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME |
Personal name |
Satyarthi, Kailash |
245 ## - TITLE STATEMENT |
Title |
Tum pahle kyu nahi aaye |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) |
Name of publisher, distributor, etc. |
Rajkamal Prakashan |
Place of publication, distribution, etc. |
New Delhi |
Date of publication, distribution, etc. |
2023 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION |
Extent |
243 p. |
365 ## - TRADE PRICE |
Price type code |
INR |
Price amount |
299.00 |
520 ## - SUMMARY, ETC. |
Summary, etc. |
तुम पहले क्यों नहीं आए में दर्ज हर कहानी अँधेरों पर रौशनी की, निराशा पर आशा की, अन्याय पर न्याय की, क्रूरता पर करुणा की और हैवानियत पर इंसानियत की जीत का भरोसा दिलाती है। लेकिन इस जीत का रास्ता बहुत लम्बा, टेढ़ा-मेढ़ा और ऊबड़-खाबड़ रहा है। उस पर मिली पीड़ा, आशंका, डर, अविश्वास, अनिश्चितता, ख़तरों और हमलों के बीच इन कहानियों के नायक और मैं, वर्षों तक साथ-साथ चले हैं। इसीलिए ये एक सहयात्री की बेचैनी, उत्तेजना, कसमसाहट, झुँझलाहट और क्रोध के अलावा आशा, सपनों और संकल्प की अभिव्यक्ति भी हैं।<br/>पुस्तक में ऐसी बारह सच्ची कहानियाँ हैं जिनसे बच्चों की दासता और उत्पीड़न के अलग-अलग प्रकारों और विभिन्न इलाक़ों तथा काम-धंधों में होने वाले शोषण के तौर-तरीक़ों को समझा जा सकता है। जैसे; पत्थर व अभ्रक की खदानें, ईंट-भट्ठे, क़ालीन कारख़ाने, सर्कस, खेतिहर मज़दूरी, जबरिया भिखमंगी, बाल विवाह, दुर्व्यापार (ट्रैफ़िकिंग), यौन उत्पीड़न, घरेलू बाल मज़दूरी और नरबलि आदि। हमारे समाज के अँधेरे कोनों पर रोशनी डालती ये कहानियाँ एक तरफ हमें उन खतरों से आगाह करती है जिनसे भारत समेत दुनियाभर में लाखों बच्चे आज भी जूझ रहे हैं। दूसरी तरफ धूल से उठे फूलों की ये कहानियाँ यह भी बतलाती हैं कि हमारी एक छोटी-सी सकारात्मक पहल भी बच्चों को गुमनामी से बाहर निकालने में कितना महत्त्वपूर्ण हो सकती है, नोबेल पुरस्कार विजेता की कलम से निकली ये कहानियाँ आपको और अधिक मानवीय बनाती हैं, और ज़्यादा ज़िम्मेदार बनाती है।<br/><br/><br/>https://rajkamalprakashan.com/tum-pahle-kyon-nahi-aaye.html |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical term or geographic name as entry element |
Children's - Social characteristics |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical term or geographic name as entry element |
Social issues |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM |
Topical term or geographic name as entry element |
Child labours |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) |
Koha item type |
Book |
Source of classification or shelving scheme |
Dewey Decimal Classification |