Warren Hastings ka sand
Prakash, Uday
Warren Hastings ka sand - New Delhi Vani Prakashan 2020 - 71 p.
उदय की कहानियों पर हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं और साहित्यिक हलक़ों में जो विमर्श जारी है उसे देखकर लगता है कि सम्पादकों, समीक्षकों और विमर्शकारों को वह ज़रूरी दुश्मन मिल गया है, जिसका इन्तज़ार उन्हें बहुत दिनों से था और जिसके बग़ैर हिन्दी की साहित्यिक-संस्कृति के प्रवक्ताओं को अपनी अस्मिता को परिभाषित करना मुश्किल लग रहा था। उदय प्रकाश के लेखन के इर्द-गिर्द एक अच्छा-खासा कुटीर उद्योग विकसित हो चुका है, और डर यह लग रहा है कि कहीं उदय इस बस्ती और इसके शोरो-गुल के ऐसे आदी न हो जायें कि इसके बग़ैर उनका काम ही न चले। या इस उद्योग को चलाये रखने को वे अपनी ज़िम्मेदारी न समझने लगें। दूसरी 'चिन्ताजनक' बात यह है कि गो उदय के बिना समकालीन हिन्दी कहानी पर कोई बहस ठीक से नहीं की जा सकतीए पर इस केन्द्रीयता के बावजूद उनके काम पर गम्भीर और सार्थक आलोचना ढूँढ़े नहीं मिलती। मुझे लगता है कि उदय के काम पर अच्छी समालोचना उन नये पाठकों और हिन्दीतर भाषा के लेखकों और समालोचकों के बीच से आयेगी, जिन्हें उदय की कहानियों ने अपने ज़ोर से अपनी ओर खींचा है। उदय की कहानियाँ उसी पाठक की तलाश में हैं।
9789350727065
Hindi Novel
891.433 / PRA
Warren Hastings ka sand - New Delhi Vani Prakashan 2020 - 71 p.
उदय की कहानियों पर हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं और साहित्यिक हलक़ों में जो विमर्श जारी है उसे देखकर लगता है कि सम्पादकों, समीक्षकों और विमर्शकारों को वह ज़रूरी दुश्मन मिल गया है, जिसका इन्तज़ार उन्हें बहुत दिनों से था और जिसके बग़ैर हिन्दी की साहित्यिक-संस्कृति के प्रवक्ताओं को अपनी अस्मिता को परिभाषित करना मुश्किल लग रहा था। उदय प्रकाश के लेखन के इर्द-गिर्द एक अच्छा-खासा कुटीर उद्योग विकसित हो चुका है, और डर यह लग रहा है कि कहीं उदय इस बस्ती और इसके शोरो-गुल के ऐसे आदी न हो जायें कि इसके बग़ैर उनका काम ही न चले। या इस उद्योग को चलाये रखने को वे अपनी ज़िम्मेदारी न समझने लगें। दूसरी 'चिन्ताजनक' बात यह है कि गो उदय के बिना समकालीन हिन्दी कहानी पर कोई बहस ठीक से नहीं की जा सकतीए पर इस केन्द्रीयता के बावजूद उनके काम पर गम्भीर और सार्थक आलोचना ढूँढ़े नहीं मिलती। मुझे लगता है कि उदय के काम पर अच्छी समालोचना उन नये पाठकों और हिन्दीतर भाषा के लेखकों और समालोचकों के बीच से आयेगी, जिन्हें उदय की कहानियों ने अपने ज़ोर से अपनी ओर खींचा है। उदय की कहानियाँ उसी पाठक की तलाश में हैं।
9789350727065
Hindi Novel
891.433 / PRA